भगवान गणेश जी की आरती



भगवान गणेश जी की पूजा सभी देवी देवताओ में सबसे पहले की जाती है! हर धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत गणेश जी की पूजा से की जाती है और हर शुभ अवसर पर श्री गणेश जी को पहला निमंत्रण भेजा जाता है!
गणेश जी को विनायक और गणपति भी कहा जाता है! गणेश जी को बाधाये दूर करने वाले, कला और विज्ञान के संरक्षक और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है! शिवजी और पार्वती (शक्ति) के पुत्र, गणेश जी को उनके पिता शिवजी के साथ एक लड़ाई के
बाद एक हाथी का सिर मिला!
गणेश जी के जन्म दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है! गणेश चतुर्थी पर्व हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है जो आमतौर पर अगस्त के अंत या सितंबर महीने के शुरू में आता है! समृद्धि और प्रकाश के त्योहार दीपावली पर गणेश जी की पूजा लक्ष्मी जी के साथ की जाती है!



जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा !
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा !!

एक दिन दयावन्त चार भुजा धारी !
मस्तक सिन्दूर सोहे मुसे की सवारी !!

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा !
लड्डू अन का भोग लागो सन्त करे सेवा !!

अन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया !
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया !!

हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा !
‘ सूरश्याम ‘ शरण आए सुफल कीजे सेवा !!

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा !
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा !!

विध्न – हरण मंगल – करण, काटत सकल कलेस !
सबसे पहले सुमरिये गौरीपुत्र गणेश !!
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